होमजीवन
चिंता को छोड़ दो
एक बार की बात है। किसी शहर में एक प्रोफेसर साहब अपने 25 साल के बेटे के साथ रहते थे। वह अपने बेटे की हमेशा कनफ्यूज्ड रहेने की आदत से बेहद परेशान थे।उनका बेटा कभी भी सही समय पर कोई काम नहीं करता, कोई निर्णय नहीं ले पाता, इस वजह से कई बार उसकी नौकरी छूटती। लेकिन उसे यह बात समझ ही नहीं...
माँ
सालों पहले गुमथा गांव में रहने वाला एक किसान काफी दुखी था। वो अपनी जीवन की छोटी-छोटी परेशानियों को लेकर उदास रहता था और अपने दुख के बारे में लोगों को बताता फिरता था। एक दिन उसे किसी ने सलाह दी कि तुम गौतम बुद्ध के पास चले जाओ, वे तुम्हारी समस्याओं का...
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जिंदगी
जिंदगी को कभी - कभी अपने पन्ने खुद लिखने दो, रोको मत, बह जाने दो, खुद को, आकाश में, जिंदगी को जिंदगी दे दो…- श्रीकांत शर्माघमंड कभी न करने का ज्ञानतो बात उस समय की है, जब स्वामी विवेकानंद अपने लोकप्रिय शिकागो धर्म...
मानसिकता
सब कुछ मानसिकता से होती है, कुछ भी तथ्य नहीं है, यह सब मन की समझ है सीखो और जाग जाओ…जब प्रभु श्याम ने गार्ड साहब की नौकरी कीयह प्रश्न सदियों से चला आ रहा है कि इस सृष्टि में कौन बड़ा है...
एक बार की बात है। किसी शहर में एक प्रोफेसर साहब अपने 25 साल के बेटे के साथ रहते थे। वह अपने बेटे की हमेशा कनफ्यूज्ड रहेने की आदत से बेहद परेशान थे।उनका बेटा कभी भी सही समय पर कोई काम नहीं करता, कोई निर्णय नहीं ले पाता, इस वजह से कई बार उसकी नौकरी छूटती। लेकिन उसे यह बात समझ ही नहीं...