कामयाबी सुबह के
जैसी होती है,
मांगने पर नहीं…
जागने पर मिलती है।
कहानी – दोस्ती की महत्वपूर्ण पाठशाला
एक समय की बात है, गाँव में रामु और श्यामु नामक दो दोस्त रहते थे। वे बचपन से ही अच्छे दोस्त थे और हमेशा एक-दूसरे के साथ समय बिताते थे।
एक दिन, रामु ने एक बड़े खेल में हिस्सा लेने का मन बनाया। वह अपने खेलने के लिए अधिक समय देने लगा और श्यामु के साथ बिताने का समय कम हो गया। श्यामु को यह देखकर दुःख हुआ, लेकिन वह ने खुद को संभालकर रखा।
दिन-प्रतिदिन, रामु और श्यामु की दोस्ती कमजोर होती जा रही थी। रामु के सिर में खेल के लिए वक्त रहता था, और श्यामु अपने किताबों में खोया रहता था। दोनों दोस्त अब एक-दूसरे से दूर हो गए थे।
एक दिन, गाँव में एक बड़ा मेला आया। वह मेला दो दिनों तक चलेगा। रामु बहुत खुश था क्योंकि उसका पसंदीदा खेल मेले में था। वह अपनी तैयारियों में बिजी रहने लगा और श्यामु से मिलने का समय नहीं निकाल सका।
श्यामु ने अपने दिल में दोस्ती की महत्वपूर्णता को समझा लिया। वह मेले के दूसरे दिन, रामु के पास गया और उसे अपनी खुशियों की बजाय दोस्ती की याद दिलाई। उसने रामु को समय निकालकर एक खास स्थान पर ले जाया जहाँ वे बचपन में साथ खेलते थे।
रामु ने उस यादगार जगह पर जाकर अपनी दोस्ती की महत्वपूर्णता समझ ली। उनकी आँखों में आंसू थे क्योंकि वे समझ गए थे कि उन्होंने दोस्ती को खो दिया था अपनी महत्वपूर्णिमा के लिए।
रामु ने श्यामु से माफी मांगी और उनकी दोस्ती को मजबूत करने का आश्वासन दिया। उन्होंने साथ मिलकर मेले का आनंद उठाया और उनकी दोस्ती फिर से प्यारी हो गई।
कहानी से सिख: दोस्ती किसी भी संबंध में महत्वपूर्ण होती है। वक्त की कमी में भी हमें अपने दोस्तों का साथ नहीं छोडना चाहिए। खुशियों और दुःखों के समय में दोस्ती हमें सहारा देती है और जीवन को सुंदर बनाती है।