टीचर – पप्पू तुम स्कूल किसलिए आते हो?
पप्पू – विद्या के लिए।
टीचर – तो क्लास में सो क्यों रहे हो?
पप्पू – सर आज विद्या नहीं आई इसलिए…।
विज्ञान के टीचर ने छात्र से पूछा…..
एलोवीरा क्या होता है ?
संता सिंह : जब एक पंजाबी व्हिस्की का पैग अपने बड़े भाई को देता है
तो कहता है ऐ लो वीरा…
टीचर गोलू से- पांच में से पांच घटाने पर कितने
बचेंगे ?
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गोलू – पता नहीं मैडम…
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टीचर- अगर तेरे पास 5 भटुरे है, और में 5 भटुरे
तुझसे मै ले लूँ तो तेरे पास क्या बचेगा ?
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गोलू- …..छोले।
मंटू- पापा क्या मैं भगवान की तरह दिखता हूं?
पापा- नहीं , पर तुम ऐसा क्यों पूछ रहे हो बेटा?
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मंटू- क्योंकि पापा मैं कहीं भी जाता हूं, तो सब यही कहते है… हे भगवान फिर आ गया…
टीचर- ‘संगठन में ही शक्ति है’ का एक अच्छा सा उदाहरण दो?
छात्र- जेब में एक बीड़ी हो तो टूट जाती है और पूरा बंडल हो तो नहीं टूटता…
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मास्टर जी बेहोश…
डॉक्टर- चश्मा किसके लिए बनवाना है?
बब्लू- टीचर के लिए.
डॉक्टर- पर क्यों?
बब्लू- क्योंकि उन्हें मैं हमेशा गधा ही नजर आता हूं…
टीटू शीटू से- अगर एक शेर तेरी बीवी और सास पर एक साथ अटैक कर दे, तो तू किसे बचाएगा?
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शीटू- बेशक शेर को, बहुत कम बचे हैं…
गोलू – परीक्षा खत्म होते ही जिम ज्वॉइन कर लूंगा.
टोलू – क्यों?
गोलू- रिजल्ट आने तक मार झेलने लायक तो बॉडी बन ही जाएगी …
स्कूल में चिंटू चाकू लेकर घूम रहा था।
मास्टर जी – तुम स्कूल में चाकू लेकर क्यों आए हो?
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चिंटू – गरीब हूं..बंदूक नहीं है घर में।
चिंटू – बाल छोटे कर दो..
नाई – कितना?
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चिंटू – इतना की मास्टर जी के हाथ में न आ सके।
चिंटू दुकानदार से – अंकल, गोरा होने वाली क्रीम है क्या?
दुकानदार – हां, है न।
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चिंटू – तो लगाया करो अंकल। रोज स्कूल जाते हुए आपको देखकर डर जाता हूं मैं।
चिंटू स्कूल जाते हुए बहुत रो रहा था।
पापा – चुप हो जा, शेर के बच्चे रोते नहीं हैं।
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चिंटू – चुप होते ही। ठीक है तो शेर के बच्चे स्कूल भी नहीं जाते हैं।
चिंटू – मम्मी, आपके लिए मेरी क्या कीमत है?
मम्मी – अरे, तुम तो करोड़ों से भी कीमती हो।
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चिंटू – तो फिर उन करोड़ रुपये में से मुझे 10 रुपये दे दो आइसक्रीम खानी है।
कसाई बकरे को लेकर काटने जा रहा था बकरा चिल्ला रहा था। तभी चिंटू ने पूछा – बकरा क्यों चिल्ला रहा है?
कसाई – क्योंकि, मैं इसे काटने ले जा रहा हूं।
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चिंटू – अच्छा फिर ठीक है..मुझे लगा आप इसे स्कूल ले जा रहे हैं।
मास्टर जी – चिंटू बताओ, बिजली कहां से आती है?
चिंटू – मामा के घर से।
मास्टर – वो कैसे?
चिंटू – जब भी बिजली जाती है, तो पापा कहते हैं – सालों ने फिर से बिजली काट दी।
मास्टर जी – चिंटू, 15 फलों के नाम बताओ।
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चिंटू – आम, केला, अमरूद और एक दर्जन केले।
चिंटू – मम्मी दस रुपये चाहिए गरीब को देने हैं।
मम्मी – कहां है गरीब?
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चिंटू – बाहर कड़ी धूप में आइसक्रीम बेच रहा है।
मास्टर जी – चिंटू, स्वर और व्यंजन में क्या फर्क है?
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चिंटू – मास्टर जी, स्वर मुंह से बाहर निकलते हैं और व्यंजन मुंह के अंदर जाते हैं।
मास्टर जी – कौन-सा पक्षी है, जो पंख होने पर भी नहीं उड़ सकता है?
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चिंटू – मास्टर जी. मरा हुआ पक्षी।
मेहमान – और बताओ चिंटू बेटा, आगे क्या सोचा है?
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चिंटू – बस अंकल, आपके जाते ही बिस्कुट खाऊंगा मैं। अब नमकीन तो आप ही सारी खा गए हैं।
चिंटू – मास्टर जी, मैंने एक ऐसी चीज बनाई है, जिससे हम दीवार के आर-पार देख सकते हैं।
मास्टर जी – वाह! वो क्या चीज है?
चिंटू – मास्टर जी, छेद।
फिर मास्टर जी ने चिंटू को पूरे दिन मुर्गा बनाकर रखा।
मास्टर जी कक्षा में बच्चों को बम से बचने का तरीका सिखा रहे थे।
मास्टर जी – बच्चों, बताओ अगर स्कूल के सामने बम रखा है, तो क्या करेंगे?
चिंटू – एकात घंटे देखेंगे, फिर….
मास्टर जी – फिर क्या?
चिंटू – फिर कोई ले जाता है तो ठीक है, नहीं तो उसे स्टाफ रूम में रख देंगे।
चिंटू भागते-भागते घर में आया और पापा-मम्मी से कहने लगा कि जल्दी से तैयार हो जाओ सब।
पापा-मम्मी – क्यों?
चिंटू – अरे, मुझे लड़की वाले देखने के लिए घर में आ रहे हैं।
पापा – ये तुमसे किसने कहा?
चिंटू – अरे, मैं अभी पड़ोस की प्रिया को परेशान कर रहा था, तो उसके पापा बोले कि हम देख लेंगे तुझे।
चिंटू – मैं कल से स्कूल नहीं जांऊगा, मास्टर जी को कुछ आता ही नहीं है।
पापा – क्यों, ऐसा क्या हो गया?
चिंटू – वो सारे सवालों के जवाब मुझसे ही पूछते हैं।
पापा – चिंटू, दादी को जन्मदिन पर क्या गिफ्ट दोगे?
चिंटू – मैं तो दादी को फुटबॉल दूंगा।
पापा – लेकिन, दादी इस उम्र में फुटबॉल का क्या करेंगीं?
चिंटू – उन्होंने भी तो मेरे जन्मदिन पर मुझे भगवत गीता दी थी।
मास्टर जी- बताओ, ताजमहल किसने बनाया था?
चिंटू – मिस्त्री ने।
मास्टर जी – अरे बेवकूफ किसने बनवाया था?
चिंटू – तो फिर ठेकेदार ने बनवाया होगा।
मास्टर जी – खाना खाने से पहले सभी बच्चों को अपने हाथ धोने चाहिए।
चिंटू – लेकिन, मैं तो खाना खाने के बाद हाथ धोता हूं।
मास्टर जी- ऐसा क्यों?
चिंटू – ताकि मोबाइल पर दाग न पड़ जाए।
पापा ने चिंटू को डांटते हुए कहा – तुम्हें पुदीना लाने के लिए कहा था, तुम धनिया क्यों ले आये हो। तुम जैसे बेवकूफ को तो घर से निकाल देना चाहिए।
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चिंटू – पापा चलो हम दोनों ही घर से निकल जाते हैं, क्योंकि मम्मी कह रही थी – यह मेथी है…।
चिंटू ने पापा को अपना रिजल्ट दिखाते हुए कहा – पापा आप बहुत किस्मत वाले हैं
पापा – वो कैसे?
चिंटू – क्योंकि, मैं फेल हो गया हूं। अब आपको मेरे लिए नई किताबें नहीं खरीदनी पड़ेंगीं। हा..हा..हा..
मास्टर जी – बच्चों, इतिहास से हमें पता चलता है कि हमारे पूर्वज बन्दर थे
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तभी चिंटू का जाट मित्र गुस्से में लाल होते हुए, थारे होंगे, मारे तो चौधरी थे…
मास्टर जी – चिंटू, अपने पापा का नाम अंग्रेजी में बताओ
चिंटू – ब्यूटिफुल रेड अंडरवियर
मास्टर जी – नालायक हिंदी में बताओ
चिंटू – सुंदर लाल चड्ढा
मास्टर जी – एक तरफ पैसा और दूसरी तरफ अक्ल… बताओ चिंटू तुम क्या चुनोगे?
चिंटू – पैसा
मास्टर जी – गलत, मैं तो अक्ल चुनता।
चिंटू – आपकी बात भी सही है, क्योंकि जिसके पास जो चीज नहीं होगी, वो वही चुनेगा।
मास्टर जी – बताओ, कुतुब मीनार कहां है?
चिंटू – पता नहीं।
मास्टर जी – फिर बेंच पर खड़े हो जाओ।
चिंटू बेंच पर खड़ा हो जाता है और कुछ देर बाद कहता है, मास्टर जी यहां से भी नहीं दिख रहा है।
मास्टर जी – सबसे ज्यादा नशा किसमें होता है?
चिंटू – किताब में।
मास्टर जी – कैसे?
चिंटू – क्योंकि किताब खोलते ही नींद आ जाती है।
चिंटू और पप्पू आपस में बातें कर रहे थे।
चिंटू – क्या तुम चीनी भाषा पढ़ कर सुना सकते हो?
पप्पू – हां, लेकिन तभी जब वह हिंदी या अंग्रेजी में लिखी हुई हो।
चिंटू – पप्पू, जरा अपनी साइकिल आज मुझे देना।
पप्पू – नहीं।
चिंटू – अगर मुझे साइकिल नहीं दोगे, तो मेरा दिल खट्टा हो जाएगा।
पप्पू ने झट से बोला – तो चीनी खा लेना।
पापा – चिंटू, आज तुम स्कूल क्यों नहीं जा रहे हो?
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चिंटू – पापा, कल स्कूल में हमें तौला गया था और क्या पता आज बेच ही न दें।
अस्वीकरण: यहां दिए गए चुटकुले सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो रहे कंटेट से लिए गए है। हमारा मकसद सिर्फ लोगों का मनोरंजन कराना है। किसी जाति, धर्म,नाम या नस्ल के आधार पर किसी को नीचा दिखाना या उपहास उड़ाना हमारा मकसद बिलकुल नहीं है।